5 FACTS: इसलिए SC ने खारिज की याकूब की याचिका
aajtak.in [Edited by: मुकेश कुमार] | नई दिल्ली, 29 जुलाई 2015 | अपडेटेड: 17:04 IST
1993 में हुए मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन की फांसी की सजा बरकरार है. 30 जुलाई को फांसी टालने की याकूब की अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इस फैसले के बाद यह तय हो गया है कि याकूब को 30 जुलाई को सुबह 7 बजे फांसी हो जाएगी.
याकूब मेमन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की है. इससे पहले, मंगलवार को याकूब की याचिका पर जस्टिस एआर दवे और जस्टिस कुरियन जोसेफ के बीच मतभेद हो गया था. इसके बाद मामला चीफ जस्टिस को भेजा गया था.
ये सुप्रीम कोर्ट के फैसले की HIGLIGHTS...
1- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याकूब की क्यूरेटिव पिटीशन पर दोबारा सुनवाई नहीं होगी.
2- कोर्ट ने कहा कि टाडा कोर्ट का डेथ वारंट सही है, इसलिए याचिका खारिज की जाती है.
3- याकूब ने नई याचिका में तर्क दिया था कि राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने और फांसी दिए जाने के बीच कम से कम 14 दिन का अंतराल होना जरूरी है. उसके इस तर्क को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान खारिज कर दिया.
4- बुधवार को पिटीशन पर तीन जजों जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस प्रफुल्ल पंत और जस्टिस अमिताभ रॉय की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि याकूब के केस में सभी लीगल प्रोसेस सही तरीके से अपनाई गईं.
5- SC ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने के बाद SC में चुनौती नहीं दी जा सकती
याकूब मेमन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की है. इससे पहले, मंगलवार को याकूब की याचिका पर जस्टिस एआर दवे और जस्टिस कुरियन जोसेफ के बीच मतभेद हो गया था. इसके बाद मामला चीफ जस्टिस को भेजा गया था.
ये सुप्रीम कोर्ट के फैसले की HIGLIGHTS...
1- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याकूब की क्यूरेटिव पिटीशन पर दोबारा सुनवाई नहीं होगी.
2- कोर्ट ने कहा कि टाडा कोर्ट का डेथ वारंट सही है, इसलिए याचिका खारिज की जाती है.
3- याकूब ने नई याचिका में तर्क दिया था कि राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने और फांसी दिए जाने के बीच कम से कम 14 दिन का अंतराल होना जरूरी है. उसके इस तर्क को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान खारिज कर दिया.
4- बुधवार को पिटीशन पर तीन जजों जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस प्रफुल्ल पंत और जस्टिस अमिताभ रॉय की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि याकूब के केस में सभी लीगल प्रोसेस सही तरीके से अपनाई गईं.
5- SC ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने के बाद SC में चुनौती नहीं दी जा सकती
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