नई दिल्ली। कहते हैं ना व्यक्ति अपने कर्मों से ही महान बनता है.. एपीजे अब्दुल कलाम उन्हीं महान हस्तियों में से एक थे जिन्होंने अपने जीवन पर्यन्त इतने महान काम किये हैं जो कि हमारे देश की आने वाली पीढ़ियों के लिए किसी अजूबे से कम नहीं है। महात्मा गांधी के बाद लोगों के लिए पूज्यनीय बने कलाम के बारे में कहा जाता है कि वे क़ुरान और भगवद् गीता दोनों का अध्ययन करते थे। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का निधन इसी कारण उनके व्यक्तित्व के अंदर गीता का ठहराव था तो वहीं वाणी में कुरान की मिठास दिखायी देती थी जिसके चलते वो सबको अपना बना लेते थे। डॉक्टर कलाम अपने व्यक्तिगत जीवन में पूरी तरह अनुशासन, शाकाहार और ब्रह्मचर्य का पालन करते थे जिसकी वजह से ही वो सिर से पांव तक लोगों के लिए प्रेरणाश्रोत थे। देश की प्रेरणा..मिसाइल मैन... तुमको ना भूल पायेंगे तेज दिमाग लेकिन भावुक होने के अलावा कलाम की लेखनी भी कमाल की थी, उन्होंने अपने शोध को चार उत्कृष्ट पुस्तकों में समाहित किया था, इन पुस्तकों के नाम है 'विंग्स ऑफ़ फायर', 'इण्डिया 2020- ए विज़न फ़ॉर द न्यू मिलेनियम', 'माई जर्नी' तथा 'इग्नाटिड माइंड्स- अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया'।
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